आप की अमानत (आप की सेवा में)
इस पुस्तक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए सृष्टि और मानवजाति की रचना, मरण उपरांत जीवन, अल्लाह का एकेश्वरवाद, इस्लाम के स्तंभ, संदेष्टाओं के अवतरण का उद्देश्य और
अल्लाह के पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम
इन लोगों ने इस्लाम क्यों स्वीकार किया
इस्लाम धर्म के मूल सिद्धांत
क़ुर्आन और पैग़म्बर नवजात शिशु का आगमन मनुष्य के लिए एक अपार खुशी का अवसर होता है। इस अवसर को लोग अपनी-अपनी परंपराओं और रीतियों के
इस्लाम के सिद्धान्त और उसके मूल आधार इस पुस्तक में इस्लाम और उसके स्तंभों को परिभाषित करते हुए तथा कुछ अन्य मुद्दों का उल्लेख करते हुए
हदीस एक पहचानः इस्लामी धर्म-शास्त्र का दूसरा स्रोत हदीस है, जिस से अभिप्राय ईश्दूत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का कथन, कर्म और तक़रीर (अर्थात स्वीकृति) है। इस पुस्तिका में हदीस की परिभाषा, स्वीकार और रद्द करने की दृष्ट से हदीस के भेद, और उन में से हरेक भेद की परिभाषा, तथा सहीह और ज़ईफ (अस्वीकृति) हदीस की परिभाषा और उन की क़िस्मों, ज़ईफ हदीस को बयान करने का प्रावधान और उस पर अमल करने का हुक्म, इसी तरह ज़ईफ हदीसों पर आधारित वर्तमान समय की कुछ बिद्अतों, बिद्अती का बुरा अंजाम, ज़ईफ़ अहादीस से बचाव और उस की पहचान के तरीक़े का उल्लेख किया गया है। معرفة الحديث: تحتوي هذه الرسالة على التعريف بالحديث وأنواعه من ناحية الرد والقبول، وأنواع الحديث المقبول والمردود
इस पुस्तक में इस्लाम से संबंधित ग़ैर-मुस्लिमों के द्वारा पूछे जाने वाले 20 सामान्य प्रश्नों के प्रमाणों और तर्क के साथ उत्तर दिये गये हैं। यदि एक मुसलमान इन प्रश्नों के उत्तर अच्छी तरह समझ ले और इन्हें अपने दिमाग में बिठा ले, तो वह ग़ैर-मुस्लिमों के मस्तिष्कि में इस्लाम के संबंध में पाई जाने वाली ग़लतफ़हमियों को दूर करने और इस्लाम के प्रति उनके नकारात्मक सोच को बदलने में सफल रहेगाهذا الكتاب يتناول الإجابة على 20 سؤالاً حول الإسلام يتكرر طرحها من قبل غير المسلمين في مختلف أنحاء العالم، وقد أجاب عليها الداعية المعروف الدكتور ذاكر نايك
इत्तिबा-ए-सुन्नत और तक़लीद से संबंधित यह एक बात-चीत है जो एक शांतिपूर्ण वातावरण में अब्दुल्लाह और अहमद नामी दो व्यक्तियों के बीच हुई है। जिस में यह स्पष्ट किया गया है कि रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत का इत्तिबा करना ही असल दीन है, तथा तक़लीद का खण्डन किया गया है और उस से उपेक्षा करने पर बल दिया गया है। حوار هادئ حول الاتباع والتقليد جرى بين شخصين، عبد الله وأحمد: تناول الحوار الحديث عن وجوب اتباع سنة النبي - صلى الله عليه وسلم
इस लेख में उम्मते-इस्लामिया के हर व्यक्ति पर नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के प्रति अनिवार्य दस हुक़ूक़ का उल्लेख किया गया है। يتحدث عن حقوق الحبيب - صلى الله عليه وسلم - الواجبة على كل مسلم ومسلمة, وهي عشرة حقوق.
सौभाग्य जीवन के लाभदायक उपाय हृदय का आनन्द और हर्ष व उल्लास, शोक और चिन्ता-मुक्ति प्रत्येक मनुष्य का लक्ष्य और उद्देश्य है। इसी के द्वारा सुखित और शुभ जीवन प्राप्त होता है, तथा आनन्द और प्रसन्नता सम्पूर्ण होती है। इस के कुछ धार्मिक कारण, कुछ प्राकृतिक कारण और कुछ व्यवहारिक कारण हैं। इस पुस्तक में इन्हीं कारणों का उल्लेख है।
रोज़े से संबंधित अहकाम एवं फतावे इस पुस्तक में रोज़े से संबंधित समस्त अहकाम व मसाईल तथा रोज़ा, एतिकाफ, रोज़े की क़ज़ा एंव कफ्फारा तथा इन से संबंधित आधुनिक मसाईल पर 70 से अधिक फतावे उल्लिखित हैं।
दुश्मनों के क्या अधिकार हैं? अज़ान और नमाज़ के संबंध में अनभिगता के कारण बड़ी भ्रान्तियाँ पाई जाती हैं। यह बात उस समय और दुखद हो जाती है जब बिना सही जानकारी के इस्लाम की इस पवित्र एवं कल्याणकारी उपासना के संबंध में निसंकोच अनुचित टीका-टिप्पणी तक
इस्लाम और मानव समाजः इस्लाम जहाँ एक तरफ मानव की उत्पत्ति की वास्तविकता, इस संसार में उसके उद्देश्य, अपने पालनहार के प्रति उसके कर्तव्यों को स्पष्ट करता है, वहीं दूसरी ओर उस समाज के प्रति भी मार्गदर्शन करता है जिसमें मनुष्य जीवन यापन करता है। इस्लाम उसे
यह पुस्तक इस्लाम धर्म का परिचय प्रस्तुत करती है जिस पर अल्लाह ने धर्मों का अंत कर दिया है और उसे अपने समस्त बंदों के लिए पसंद कर लिया है तथा इस धर्म में प्रवेश करने का आदेश दिया है।
इस्लाम धर्मः इस पुस्तक में इस्लाम धर्म के आचार-विचार, उसके मूल सिद्धांत, उपासना, इस्लामी जीवन-व्यवस्था आदि का तर्क और तत्वदर्शिता सहित विस्तृत परिचय प्रस्तुत किया गया है। इस्लाम क्या है?
इस्लाम इन्सान की हैसियत से इन्सान के कुछ हक़ और अधिकार मुक़र्रर करता है। दूसरे शब्दों में इसका मतलब यह है कि हर इन्सान चाहे, वह हमारे अपने देश और वतन का हो या किसी दूसरे देश और वतन का,
इस्लाम के अनुयायी मुसलमानों का मानना है कि कुर्आन करीम अल्लाह का वचन – कलाम – है, जिसे उसने वह्य –प्रकाशना- के माध्यम से अपने अंतिम संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतिरत किया है
क़ुरआन पर अनुचित आक्षेपः यह पुस्तक उन आक्षेपों पर आधारित है जिन्हें कुछ हिन्दू संस्थाओं और लोगों की ओर से क़ुरआन की कुछ आयतों के बारे में उन्हें उनकी पृष्टिभूमि और संदर्भ से अलग करके और उनका मनमाना अनुवाद और व्याख्या करके बड़े पैमाने पर फैलाया जाता है। ये आक्षेप क़ुरआन मजीद की उन आयतों के बारे में हैं जिनका संबंध विशेषकर जिहाद,
इस पुस्तिका में यह उल्लेख किया गया है कि समस्त मानवीय धर्मों में मानवता और नैतिकता सम्बन्धी शिक्षाओं का वर्णन है, तथा विशेष रूप से इस्लाम धर्म के मूल ग्रंथ दिव्य कुरआन की अमृत वाणियों और मानवता उपकारक पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के मधुर
सत्य धर्मः इस पुस्तक में हर बुद्धिमान पुरूष और नारी को अपने महान सृष्टा सर्वसंसार के पालनहार को पहचानने और उसके दर्शाए हुए सत्य मार्ग पर चलने का निमंत्रण दिया गया है। क्योंकि उसी के अंदर लोक और परलोक में कल्याण
यह पुस्तक सत्य धर्म को पहचानने और उसे स्वीकारने का आमंत्रण देती है क्योंकि वही एक मात्र विकल्प है जो मानवता के लिए लोक एवं परलोक में सफलता, सौभाग्य और नरक से मोक्ष प्राप्त करने का एकमात्र साधन है। प्रस्तुत पुस्तक इस बात पर प्रकाश डालती है कि मानव जाति की रचना का उद्देश्य क्या है